Tiger Safari in Betla जल्द ही झारखंड के पर्यावरण प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक नई पहचान बनने जा रहा है। पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) के बेतला नेशनल पार्क क्षेत्र में लगभग 300 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक टाइगर सफारी विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल लागत लगभग 215 करोड़ रुपये तय की गई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

बेतला में टाइगर सफारी का निर्माण – राज्य सरकार की बड़ी योजना
यह टाइगर सफारी झारखंड राज्य सरकार की एक ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जा रही है, जिसे पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है। यह सफारी देशभर के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगी। इस परियोजना के साथ-साथ ऐतिहासिक पलामू किला का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 40 से 50 करोड़ रुपये के बीच होगी।

वैधानिक मंजूरी और उच्चस्तरीय बैठकें
Tiger Safari in Betla परियोजना को सभी आवश्यक वैधानिक स्वीकृतियाँ मिल चुकी हैं। इसके बाद झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और वन विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव अबूबकर सिद्दीकी, पर्यटन सचिव मनोज कुमार, संस्कृति निदेशक आसिफ एकराम, झारखंड राज्य वन निगम के प्रबंध निदेशक वाई.के. दास, और पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक एस.आर. नटेश उपस्थित थे।
इस बैठक में दोनों परियोजनाओं — टाइगर सफारी और पलामू किला के पुनरुद्धार — पर विस्तार से चर्चा की गई। टाइगर सफारी के लिए पहले ही एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की संवैधानिक मंजूरी प्राप्त कर ली गई है।
पलामू किला: विरासत का संरक्षण
पलामू का ऐतिहासिक किला झारखंड की संस्कृति और इतिहास का प्रतीक है। इसके संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए विशेषज्ञ कंसल्टेंट की मदद से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर मंजूरी मिलने के बाद, लगभग 40 से 50 करोड़ रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार किया जाएगा।
इस परियोजना को राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है। 2025-26 के बजटीय भाषण में भी पलामू किले का उल्लेख किया गया था, जिससे यह स्पष्ट है कि यह योजना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
टाइगर सफारी: झारखंड का नया पर्यटन गंतव्य
बेतला में विकसित होने वाला Tiger Safari in Betla, राज्य का पहला ऐसा सफारी पार्क होगा जो पर्यटकों को बाघों और अन्य वन्यजीवों को प्राकृतिक आवास में देखने का रोमांचक अनुभव देगा। यह पर्यावरण शिक्षा, वन्यजीव संरक्षण और स्थानीय रोजगार सृजन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
300 एकड़ क्षेत्र में फैला यह सफारी पार्क न केवल बाघों के संरक्षण को मजबूती देगा, बल्कि झारखंड के पर्यटन मानचित्र पर भी एक नया मुकाम स्थापित करेगा। साथ ही, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा।
मंत्रीगणों की प्रतिबद्धता
बैठक के दौरान विभागीय मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि ये दोनों योजनाएं — Tiger Safari in Betla और पलामू किला का पुनरुद्धार — झारखंड की पहचान को नई दिशा देंगे। उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट केवल पर्यटन या संरक्षण तक सीमित नहीं, बल्कि राज्य के गौरव और संस्कृति को सहेजने का माध्यम भी हैं।
उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि सभी वैधानिक और प्रशासनिक प्रक्रियाएं समयबद्ध रूप से पूरी की जाएं ताकि दोनों योजनाएं 2027 तक सफलतापूर्वक पूरी की जा सकें।
मुख्य जानकारी एक नजर में:
बिंदु | विवरण |
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परियोजना नाम | टाइगर सफारी और पलामू किला जीर्णोद्धार |
स्थान | बेतला, पलामू टाइगर रिजर्व, झारखंड |
कुल क्षेत्रफल | 300 एकड़ (टाइगर सफारी) |
अनुमानित लागत | ₹215 करोड़ (सफारी), ₹40-50 करोड़ (किला) |
पूर्णता लक्ष्य | वर्ष 2027 |
प्रमुख अधिकारी | राधाकृष्ण किशोर, सुदिव्य कुमार सोनू, अबूबकर सिद्दीकी |
वैधानिक स्थिति | मुख्यमंत्री से संवैधानिक स्वीकृति प्राप्त |
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यह परियोजना न केवल पर्यावरण के संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि पर्यटन, संस्कृति और आर्थिक विकास के क्षेत्र में झारखंड के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले वर्षों में Tiger Safari in Betla झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर देगा।