Purvanchal’s first jungle safari: सोहगीबरवा में स्काई वॉक, बम्बू हट्स और एडवेंचर का नया ठिकाना

🗓️ Published on: April 21, 2025 12:11 am
Purvanchal's first jungle safari

Purvanchal’s first jungle safari: अगर आप पूर्वांचल में प्रकृति के बीच रोमांचक अनुभव की तलाश कर रहे हैं, तो सोहगीबरवा वन्य जीव अभ्यारण्य आपका अगला डेस्टिनेशन हो सकता है। यहां अब स्काई वॉक, जंगल सफारी, बम्बू हट्स और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं पर्यटकों का दिल जीत रही हैं

सोहगीबरवा: ईको टूरिज्म का नया केंद्र

उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले में स्थित सोहगीबरवा वन्य जीव अभ्यारण्य (Sohagibarwa Wildlife Sanctuary) अब ईको टूरिज्म का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला सिगरैना ताल अब स्काई वॉक एडवेंचर के साथ एक नया अनुभव देने को तैयार है।

यह क्षेत्र बौद्ध सर्किट के बेहद करीब है, जिससे बौद्ध धर्म से जुड़े यात्रियों के लिए भी यह स्थान आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।

स्काई वॉक एडवेंचर की योजना

पर्यटन विभाग यहां स्काई वॉक (Sky Walk) की योजना पर काम कर रहा है, जो घने जंगलों और शांत वातावरण के बीच एडवेंचर का रोमांचक अनुभव देगा। जैसे ही योजना को स्वीकृति मिलेगी, स्काई वॉक का निर्माण वन विभाग की मदद से शुरू हो जाएगा।

जंगल सफारी की शुरुआत

वर्ष 2023 में प्रदेश के वन मंत्री ने जंगल सफारी का शुभारंभ किया था। अभी दो रूट तय किए गए हैं:

  • पहला रूट: फिलहाल निर्माण कार्य के चलते बंद है।
  • दूसरा रूट: यहाँ सफारी चालू है, और यह रामग्राम जैसे ऐतिहासिक बौद्ध स्थल से होकर गुजरता है। घने साल के जंगलों और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह रूट ईको टूरिस्टों को खूब लुभा रहा है।

सुविधाएं: बम्बू हट्स और कैफेटेरिया

वन विभाग ने सफारी के रूट में आधुनिक सुविधाओं का विकास किया है:

  • बम्बू हट्स: विश्राम के लिए पारंपरिक बांस की झोपड़ियाँ
  • कैफेटेरिया: जलपान और भोजन की सुविधा
  • टिकट घर, गेट, गार्ड रूम का निर्माण भी हो चुका है

Purvanchal’s first jungle safari सफारी शुल्क:

  • पहला रूट (7 यात्रियों पर): ₹1500
  • दूसरा रूट: ₹2000
    (वाहन की सुविधा वन विभाग द्वारा दी जाती है)

जंगल में मिलेंगे ये वन्यजीव

सोहगीबरवा सेंचुरी की जंगल सफारी में आपको मिल सकते हैं:

  • टाइगर
  • तेंदुआ
  • हिरन
  • अन्य दुर्लभ प्रजातियाँ

साथ ही जल्द ही दूध, दही और वन उत्पाद से बने फूड आइटम्स भी सैलानियों को उपलब्ध कराए जाएंगे।

कैसे पहुंचे जंगल सफारी?

गोरखपुर से यह जंगल सफारी सिर्फ 70 किमी दूर है। यात्रा का मार्ग:

गोरखपुर → महराजगंज → चौक बाजार
बौद्ध सर्किट के यात्री कुशीनगर → रामकोला → कप्तानगंज → परतावल होते हुए पहुँच सकते हैं।

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भविष्य की योजनाएं

एसडीओ अनुराग त्रिपाठी के अनुसार, अब तक करीब 1.5 करोड़ रुपए की पर्यटन परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। जल्द ही:

  • स्काई वॉक का निर्माण
  • दूसरा सफारी रूट चालू
  • रात्रि विश्राम की सुविधा
  • ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग सिस्टम

यह सब मिलकर सोहगीबरवा को ईको टूरिज्म का हॉटस्पॉट बना देगा।

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निष्कर्ष

सोहगीबरवा वन्य जीव अभ्यारण्य सिर्फ एक जंगल सफारी नहीं, बल्कि एक संपूर्ण प्राकृतिक, सांस्कृतिक और साहसिक पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीव, और एडवेंचर का मज़ा एक साथ लेना चाहते हैं, तो यह जगह आपकी बकेट लिस्ट में जरूर होनी चाहिए।