National Referral Centre for Wildlife: भारत सरकार द्वारा जूनागढ़, गुजरात में स्थापित किया जा रहा एक अत्याधुनिक वन्यजीव स्वास्थ्य अनुसंधान और निगरानी केंद्र है। यह केंद्र वन्यजीवों में होने वाली बीमारियों की पहचान, निगरानी, निदान और रोकथाम के लिए देश का पहला राष्ट्रीय स्तर का संस्थान होगा। इसकी स्थापना वर्ष 2025 में “परियोजना लायन (Project Lion)” के अंतर्गत की गई है।
National Referral Centre for Wildlife स्थान और क्षेत्रफल

यह केंद्र गुजरात के जूनागढ़ जिले के न्यू पिपलिया क्षेत्र में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 20.24 हेक्टेयर है, जिसमें आधुनिक अनुसंधान प्रयोगशालाएं, प्रशिक्षण केंद्र, सूचना विश्लेषण इकाइयाँ और वन्यजीव अस्पताल शामिल होंगे।
स्थापना के उद्देश्य
“राष्ट्रीय रेफरल सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ” की स्थापना निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों के साथ की जा रही है:
- देशभर के वन्यजीवों में रोगों की पहचान और समय पर निदान करना
- वन्यजीव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी नेटवर्क तैयार करना
- संभावित ज़ूनोटिक (जानवरों से इंसानों में फैलने वाले) रोगों की रोकथाम
- वन्यजीव चिकित्सकों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
- आपातकालीन वन्यजीव चिकित्सा सहायता और फील्ड सेवाएँ
प्रमुख सेवाएं और सुविधाएं
सेवा / सुविधा | विवरण |
---|---|
वन्यजीव रोग निदान | संक्रमित जानवरों की जांच और रिपोर्टिंग प्रणाली |
अनुसंधान प्रयोगशालाएं | रोग की प्रकृति व प्रसार पर वैज्ञानिक अध्ययन |
प्रशिक्षण केंद्र | पशु चिकित्सकों और वन अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण |
सूचना प्रबंधन प्रणाली | डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग |
मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स | फील्ड में तत्काल चिकित्सा सहायता |
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परियोजना लायन के तहत विशेष महत्व
यह केंद्र भारत सरकार की “Project Lion” योजना का अभिन्न हिस्सा है, जिसके अंतर्गत एशियाई शेरों की सुरक्षा, प्रजनन और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जूनागढ़ स्थित यह संस्थान गिर वन क्षेत्र और आसपास के संरक्षित क्षेत्रों के वन्यजीवों की निगरानी में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वन्यजीव संरक्षण में योगदान
यह केंद्र केवल बीमारियों की पहचान या इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक और सतत वन्यजीव संरक्षण योजना का केंद्रबिंदु बनेगा। इसके द्वारा भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत वन्यजीव स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में पहचान मिलेगी, जो जैव विविधता को स्थायी रूप से संरक्षित रखने में सहायक होगा।
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निष्कर्ष
“राष्ट्रीय रेफरल सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ, जूनागढ़” भारत के वन्यजीव स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल है। यह न केवल शेरों और अन्य वन्यजीवों की बीमारियों पर नियंत्रण रखने में मदद करेगा, बल्कि वन्यजीवों के प्रति हमारी वैज्ञानिक और संवेदनशील सोच को भी मज़बूती देगा। वन्यजीव संरक्षण में रुचि रखने वाले व्यक्तियों, संस्थानों और छात्रों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे इस केंद्र से जुड़कर प्रकृति की रक्षा में योगदान दें।