Ladakh Tourism: श्रीनगर से एक अहम खबर आई है कि लद्दाख को जोड़ने वाला प्रसिद्ध जोजी ला पास अब पर्यटकों के लिए खुल चुका है। इसके खुलने से लद्दाख और सियाचिन बेस कैंप तक पहुंचना आसान हो गया है। लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल लेह के अनुसार, अब पर्यटकों को इन क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए किसी तरह की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, गलवान घाटी भी अब पर्यटकों के लिए सुलभ हो गई है, जो एक नई पर्यटन संभावना का निर्माण करेगा।
जोशी ला पास का खुलना: एक ऐतिहासिक कदम

लद्दाख को बाकी देश से जोड़ने वाला जोजी ला पास अब खुल गया है, जिससे सियाचिन बेस कैंप तक पहुंचना आसान हो गया है। लद्दाख के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसलर ताशी ग्यालसन ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि अब पर्यटक बिना किसी परमिशन या NOC के सियाचिन बेस कैंप तक यात्रा कर सकते हैं।
गलवान घाटी का पर्यटन के लिए उद्घाटन

ग्यालसन ने यह भी बताया कि गलवान घाटी भी अब पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। यह घाटी विशेष रूप से 2020 में हुई भारत-चीन झड़पों के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, इस स्थान पर अभी यात्रा पर प्रतिबंध था, लेकिन अब 15 जून से श्योक गांव के रास्ते पर्यटक यहाँ पहुंच सकेंगे। यह घटना उस विवादास्पद झड़प की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
32 दिन बाद जोजी ला पास का फिर से खुलना

बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने 1 अप्रैल 2025 को जोजी ला पास को 32 दिन के बाद फिर से खोलने की घोषणा की। BRO ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया, क्योंकि इस क्षेत्र में मौसम की स्थिति अक्सर प्रतिकूल रहती है।
Ladakh Tourism को मिलेगा नया संजीवनी

ग्यालसन ने यह भी कहा कि जोजी ला पास के जल्दी खुलने से सियाचिन बेस कैंप जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक पहुंचने का रास्ता आसान हो गया है। यह कदम लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक संकेत है। अब पर्यटक बिना किसी रोक-टोक के सियाचिन बेस कैंप और गलवान घाटी की यात्रा कर सकेंगे, जो लद्दाख के पर्यटन क्षेत्र को नए आयामों तक पहुंचाएगा।
लद्दाख और सियाचिन बेस कैंप तक कैसे पहुंचें:

- सड़क मार्ग:
लद्दाख जाने के लिए सबसे सामान्य और लोकप्रिय तरीका सड़क मार्ग है।- श्रीनगर से: श्रीनगर से लद्दाख की यात्रा के लिए ज़ोजी ला पास का रास्ता खुल चुका है। आप श्रीनगर से कश्मीर घाटी होकर जोशी ला पास के रास्ते लद्दाख पहुंच सकते हैं।
- लेह से: लेह में आने के बाद, आप सियाचिन बेस कैंप और गलवान घाटी तक पहुंचने के लिए स्थानीय टैक्सी या ट्रैवल एजेंसी की सेवाएं ले सकते हैं।
- वायु मार्ग:
- लेह हवाई अड्डा: लेह का हवाई अड्डा लद्दाख का मुख्य हवाई अड्डा है। दिल्ली, श्रीनगर और अन्य प्रमुख शहरों से नियमित फ्लाइट्स यहाँ पहुंचती हैं। हवाई यात्रा के बाद आप लेह से सड़क मार्ग द्वारा सियाचिन बेस कैंप और गलवान घाटी तक जा सकते हैं। Ladakh Tourism
- विशेष मार्ग और यात्रा के विकल्प:
- गलवान घाटी तक पहुंचने का रास्ता: गलवान घाटी तक पहुंचने के लिए अब श्योक गांव का रास्ता खोला गया है, और पर्यटक इस मार्ग से 15 जून के बाद यात्रा कर सकते हैं।
- सियाचिन बेस कैंप: सियाचिन बेस कैंप तक पहुंचने के लिए पर्यटक अब बिना किसी परमिशन के यात्रा कर सकते हैं। लेह से यह स्थल सड़क मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है, और ट्रैवल एजेंसियों की मदद से यात्रा की योजना बनाई जा सकती है।
Ladakh Tourism महत्वपूर्ण सुझाव

- यात्रा से पहले मौसम की स्थिति और रास्तों की जानकारी जरूर प्राप्त करें, क्योंकि लद्दाख के इलाके में मौसम जल्दी बदल सकता है।
- यात्रा के दौरान ऊंचाई पर जाने से पहले स्वास्थ्य संबंधी तैयारी और आवश्यक वस्त्रों का ध्यान रखें।
इस तरह, आप आसानी से लद्दाख और सियाचिन बेस कैंप तक पहुंच सकते हैं और इन क्षेत्रों का अद्वितीय अनुभव ले सकते हैं।Ladakh Tourism
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निष्कर्ष:
जोशी ला पास का खुलना और गलवान घाटी तक पर्यटकों की पहुंच संभव बनना लद्दाख के पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सियाचिन बेस कैंप और गलवान घाटी जैसे ऐतिहासिक और रणनीतिक स्थानों तक पर्यटकों की पहुंच आसान होने से न केवल लद्दाख के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। 2020 की झड़पों के बाद पहली बार गलवान घाटी पर्यटकों के लिए खुल रही है, जो उस घटना की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर एक ऐतिहासिक कदम है। जोशी ला पास का जल्द खुलना, खराब मौसम के बावजूद, पर्यटन की संभावना को और भी मजबूत करता है। यह कदम लद्दाख में पर्यटन को नया दिशा और गति प्रदान करेगा, जिससे पर्यटकों के लिए एक नई यात्रा अनुभव की शुरुआत होगी। Ladakh Tourism