उत्तर प्रदेश का Etawah Safari Park अब एक नई पहचान की ओर अग्रसर है। यहां जल्द ही एक भव्य टाइगर सफारी पार्क तैयार किया जाएगा, जिससे न केवल पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी नई ऊंचाइयाँ मिलेंगी। यह परियोजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसे शीघ्र ही अमलीजामा पहनाया जाएगा।
Etawah Safari Park लंबे समय से उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण रहा है। मगर अब इस पार्क को और अधिक आकर्षक बनाने की योजना पर कार्य शुरू हो चुका है। टाइगर सफारी परियोजना को 20 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को रोमांच और वन्यजीवों के करीब जाने का नया अनुभव मिलेगा।

20 हेक्टेयर में तैयार होगा टाइगर सफारी क्षेत्र
Etawah Safari Park में प्रस्तावित टाइगर सफारी के लिए पहले से ही 20 हेक्टेयर भूमि का चयन कर लिया गया है। यह जगह वाच टावर नंबर दो और एनिमल हाउस नंबर तीन के पास स्थित है, जो पर्यावरण और सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त मानी जा रही है। हालांकि अभी अंतिम स्वीकृति के लिए देहरादून स्थित भारतीय वन्य जीव संस्थान की टीम को निरीक्षण करना बाकी है। इस निरीक्षण के बाद ही टाइगर सफारी का निर्माण कार्य पूरी तरह से शुरू किया जाएगा।
पिछले एक वर्ष से Etawah Safari Park प्रशासन इस परियोजना पर गंभीरता से काम कर रहा है। टाइगर सफारी को विकसित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को एक नया अनुभव देना और इटावा जिले को एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण ने किया स्थल का निरीक्षण
Etawah Safari Park में टाइगर सफारी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए हाल ही में राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण के अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने उस क्षेत्र का दौरा किया जहाँ टाइगर सफारी प्रस्तावित है और इसकी भौगोलिक तथा संरचनात्मक संभावनाओं का आकलन किया।
राज्य स्तर पर सकारात्मक संकेत मिलने के बाद अब परियोजना को विशेषज्ञों की अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार है। भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून की टीम बहुत जल्द स्थल का दौरा करेगी और परियोजना की व्यवहारिकता (फिजिबिलिटी) पर रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर निर्माण कार्य को हरी झंडी मिलने की संभावना है।
सफारी पार्क को मिलेगा नया जीवन
Etawah Safari Park में टाइगर सफारी के जुड़ने से न केवल इस स्थान का आकर्षण बढ़ेगा, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में पर्यटन के नए आयाम खुलेंगे। राज्य सरकार की यह पहल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी और साथ ही आसपास के होटल, गाइड सेवाओं और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
पार्क के निदेशक डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि टाइगर सफारी परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही भारतीय वन्य जीव संस्थान की टीम निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दे देगी, वैसे ही कार्य की गति और तेज़ कर दी जाएगी।
टाइगर सफारी का महत्व
टाइगर सफारी का मतलब केवल बाघों को देखने का रोमांच नहीं है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण शिक्षा और इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा देता है। आज के समय में जब लोग प्राकृतिक और वास्तविक अनुभवों की तलाश में रहते हैं, ऐसे में Etawah Safari Park की यह पहल पर्यटन को एक नया चेहरा देगी।
इस सफारी में आने वाले पर्यटक खुली गाड़ियों से जंगल के भीतर बाघों को प्राकृतिक परिवेश में देख सकेंगे, जो कि एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। इसके साथ-साथ यह पार्क वन्यजीवों की सुरक्षा, देखरेख और शिक्षा का भी केंद्र बनेगा।
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भविष्य की उम्मीदें
Etawah Safari Park की इस नई परियोजना को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। स्थानीय प्रशासन, वन विभाग और राज्य सरकार मिलकर इस योजना को सफल बनाने में जुटे हैं। आने वाले वर्षों में जब टाइगर सफारी पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी, तब यह न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार हो जाएगा।
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निष्कर्ष
Etawah Safari Park की टाइगर सफारी परियोजना केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि राज्य की पर्यटन नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। इससे न केवल इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह बाघ संरक्षण और जन-जागरूकता का भी बड़ा केंद्र बनेगा। यह पहल इटावा जिले को एक नई पहचान दिलाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर उभारने में सहायक सिद्ध होगी।