Bhadra wildlife sanctuary: कर्नाटक राज्य की एक अत्यंत समृद्ध जैव विविधता से भरपूर वन्यजीव अभयारण्य है, जो न केवल प्रकृति प्रेमियों बल्कि वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यह सैंक्चुरी पश्चिमी घाट की गोद में स्थित है और यहाँ की हरियाली, जल स्रोत और विविध जीव-जंतुओं की उपस्थिति इसे भारत के प्रमुख अभयारण्यों में शामिल करती है।
Bhadra wildlife sanctuaryकहां स्थित है?
भद्र वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर और शिमोगा जिलों में फैली हुई है। यह बंगलुरु से लगभग 275 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस क्षेत्र को 1974 में अभयारण्य घोषित किया गया था और 1998 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत “टाइगर रिज़र्व” का दर्जा मिला।
भद्र वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी का उद्देश्य और महत्व
भद्र वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों की रक्षा करना, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखना और लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करना है। यह क्षेत्र टाइगर रिज़र्व के रूप में कार्यरत होने के कारण बाघों की जनसंख्या को बढ़ाने और सुरक्षित रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
यह अभयारण्य कावेरी और भद्र नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है, जिससे यह पूरे क्षेत्र की जलवायु को संतुलित बनाए रखने में भी योगदान देता है। साथ ही, यह जैविक विविधता के अध्ययन और प्रकृति पर्यटन (ecotourism) को बढ़ावा देने के लिए एक आदर्श स्थल है।
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प्रमुख वन्यजीव और वनस्पति
भद्र सैंक्चुरी अपने विविध जीव-जंतुओं के लिए जानी जाती है। यहाँ की प्रमुख प्रजातियाँ निम्नलिखित हैं:
- बाघ (Tiger)
- हाथी (Elephant)
- चीतल (Spotted Deer)
- गौर (Indian Bison)
- जंगली सूअर (Wild Boar)
- काले तेंदुए (Black Panther)
- शेर की तरह दिखने वाला शिकार – स्लॉथ बीयर (Sloth Bear)
इसके अलावा, यहाँ पक्षियों की भी अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें मालाबार ट्रोगॉन, ग्रेट हॉर्नबिल, और किंगफिशर प्रमुख हैं। वनस्पतियों में साल, टीक, बांस और अनेक औषधीय पौधों की प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए अनुभव
Bhadra wildlife sanctuary में सफारी का अनुभव अत्यंत रोमांचक होता है। वन विभाग द्वारा जीप सफारी और नाव सफारी की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पर्यटक सुबह और शाम के समय जंगल सफारी में भाग लेकर बाघों और अन्य जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक परिवेश में देख सकते हैं।
भद्र नदी पर स्थित भद्र डैम क्षेत्र भी एक सुंदर पर्यटक स्थल है, जहाँ से सूर्यास्त का दृश्य मन मोह लेने वाला होता है।
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पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता
यह सैंक्चुरी न केवल पर्यटन स्थल है, बल्कि यह पर्यावरणीय शिक्षा का केंद्र भी बनती जा रही है। यहाँ छात्रों और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए वन्यजीवों और वनस्पतियों पर अध्ययन करने की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा स्थानीय समुदायों को भी जंगलों के महत्व और संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाता है।
घूमने का सही समय
भद्र वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है। इस समय मौसम सुहावना रहता है और जानवरों को देखने की संभावना अधिक रहती है। मॉनसून के दौरान सैंक्चुरी कुछ समय के लिए बंद हो जाती है क्योंकि उस समय अधिकतर क्षेत्र जलमग्न हो जाते हैं।
निष्कर्ष
Bhadra wildlife sanctuary न केवल एक वन्यजीव अभयारण्य है, बल्कि यह कर्नाटक की जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर की पहचान भी है। यह स्थान न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए रोमांच से भरा है, बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना भी सिखाता है। यदि आप भारत की असली प्राकृतिक सुंदरता को नज़दीक से देखना चाहते हैं, तो भद्र सैंक्चुरी की यात्रा अवश्य करें।