Dang Darbar Festival: गुजरात के शाही आदिवासी उत्सव की पूरी जानकारी

📝 Last updated on: July 1, 2025 2:08 pm
Dang Darbar Festival

Dang Darbar Festival गुजरात का एक अनोखा और पारंपरिक आदिवासी त्योहार है, जो हर साल डांग जिले के मुख्यालय ‘अहवा’ में मनाया जाता है। यह उत्सव न केवल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, बल्कि इसमें डांग के आदिवासी समाज की परंपराएं, संगीत, नृत्य और ऐतिहासिक शाही विरासत भी झलकती है। अगर आप इस उत्सव का हिस्सा बनने की सोच रहे हैं, तो यहां हम आपको बताएंगे इसकी तारीख, समय, महत्व और आयोजन से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।

Dang Darbar

क्या है डांग दरबार फेस्टिवल?

Dang Darbar Festival होली से ठीक पहले मनाया जाने वाला एक पारंपरिक आदिवासी आयोजन है, जिसमें हजारों की संख्या में स्थानीय आदिवासी लोग शामिल होते हैं। यह आयोजन डांग जिले के अहवा शहर में होता है, जहां आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करते हैं और शाही परिवारों के सदस्यों (राजाओं) का स्वागत करते हैं।

डांग दरबार फेस्टिवल का ऐतिहासिक महत्व

इस उत्सव की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी, जब ब्रिटिश सरकार ने डांग के पाँच आदिवासी राजाओं को वनों से लकड़ी काटने की अनुमति के बदले में पेंशन देना शुरू किया। हर साल होली से पहले इन्हीं राजाओं को सम्मानित करने के लिए एक दरबार लगता था — जिसे आज भी Dang Darbar Festival के रूप में जारी रखा गया है।

आज भी गुजरात सरकार इन परंपराओं को निभाते हुए डांग दरबार का आयोजन करती है, जिसमें आदिवासी समाज को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है और शाही परिवारों का औपचारिक सत्कार किया जाता है।

डांग दरबार फेस्टिवल 2025 – तारीख और समय

अगर आप 2025 में इस रंगीन और ऐतिहासिक उत्सव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो इसकी तारीख और समय पहले से जान लेना ज़रूरी है। यह फेस्टिवल हर साल होली से कुछ दिन पहले मार्च महीने में होता है।

यहां 2025 के संभावित कार्यक्रम की जानकारी दी गई है:

कार्यक्रमतारीखसमयस्थान
मुख्य डांग दरबार आयोजन11 मार्च 2025सुबह 9:00 – शाम 6:00 बजेअहवा, डांग जिला, गुजरात
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ10–11 मार्च 2025शाम 4:00 – रात 9:00 बजेअहवा मैदान
शाही राजाओं की उपस्थिति व सम्मान समारोह11 मार्च 2025सुबह 10:00 – दोपहर 12:30डांग दरबार हॉल, अहवा

नोट: तारीखें हिंदू पंचांग के अनुसार थोड़ी आगे-पीछे हो सकती हैं, इसलिए अंतिम पुष्टि हेतु स्थानीय समाचार या पर्यटन विभाग की वेबसाइट अवश्य देखें।

क्यों जाएं डांग दरबार फेस्टिवल?

एक अनोखा सांस्कृतिक अनुभव

Dang Darbar Festival में शामिल होकर आपको एक जीवंत आदिवासी संस्कृति का अनुभव मिलेगा। पारंपरिक पोशाकों में सजे लोग, जनजातीय नृत्य, संगीत, अनसुने वाद्ययंत्र और उत्साह से भरी भीड़ – यह सब कुछ इसे एक यादगार यात्रा बनाते हैं।

शाही राजाओं से मुलाकात

आज भी डांग के पारंपरिक रजवाड़ों के वंशज इस उत्सव में शाही परिधान पहनकर आते हैं और उनका औपचारिक सम्मान किया जाता है। यह आधुनिक भारत में राजशाही की जीवित झलक है।

हस्तशिल्प, हर्बल दवाएं और जनजातीय भोजन

यहां आपको आदिवासी कला, हाथ से बने शिल्प, प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ और स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजन देखने और खरीदने को मिलेंगे। यह आदिवासी कारीगरों और संस्कृति को समर्थन देने का शानदार अवसर है।

डांग दरबार कैसे पहुंचें?

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: वाघई (लगभग 32 किमी)
  • निकटतम हवाई अड्डा: सूरत (लगभग 120 किमी)
  • सड़क मार्ग: सूरत, वलसाड और सापुतारा से नियमित बसें और निजी वाहन उपलब्ध हैं

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यात्रियों के लिए सुझाव

  • समय से पहले पहुंचें: मुख्य कार्यक्रम के लिए सुबह 8 बजे तक पहुंचना बेहतर रहेगा।
  • संस्कृति का सम्मान करें: यह स्थानीय लोगों के लिए गहरा भावनात्मक उत्सव है, इसलिए सादगी से कपड़े पहनें और तस्वीर खींचने से पहले अनुमति लें।
  • रहने की व्यवस्था: अहवा या सापुतारा में होटल पहले से बुक कर लें, क्योंकि भीड़ के कारण कमरे जल्दी भर जाते हैं।
  • मौसम: मार्च में मौसम सुहावना होता है, लेकिन दोपहर में हल्की गर्मी हो सकती है – टोपी, पानी की बोतल और सनस्क्रीन साथ रखें।

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निष्कर्ष

अगर आप पारंपरिक भारत की जीवंत झलक देखना चाहते हैं, तो Dang Darbar Festival आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। यह केवल एक उत्सव नहीं बल्कि डांग के आदिवासी समाज की आत्मा है — जो अपनी पहचान, संस्कृति और विरासत को सजीव रखे हुए है।

इस साल इस आयोजन में शामिल होकर आप एक ऐसे अनुभव का हिस्सा बन सकते हैं जो जीवन भर आपकी यादों में बसा रहेगा।