Durgesh Aranya Zoological Park: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को घोषणा की कि कांगड़ा जिले के डेरा विधानसभा क्षेत्र के बणखंडी में विकसित हो रहा दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान भारत का पहला चिड़ियाघर होगा जिसे इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) से सतत और पर्यावरण अनुकूल ढांचे के लिए मान्यता मिलेगी।
हरियाली की छांव में संरचना और संवेदना का मेल
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस चिड़ियाघर ने IGBC प्रमाणन के लिए पंजीकरण करा लिया है। यह मान्यता न केवल इसके संरचनात्मक डिज़ाइन बल्कि लैंडस्केप प्लानिंग को भी ध्यान में रखते हुए दी जाएगी। यह प्रमाणन यह दर्शाएगा कि पार्क पर्यावरणीय मानकों और पारिस्थितिक संतुलन को प्राथमिकता देता है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह कदम राज्य सरकार की पर्यटन और बुनियादी ढांचे में सतत विकास को आत्मसात करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दुर्गेश अरण्य न केवल एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनेगा, बल्कि सतत संरचना के क्षेत्र में एक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा, जहां संरक्षण और नवाचार साथ-साथ चलते हैं।
भविष्य की झलक: परियोजना की रूपरेखा और विशेषताएं
इस परियोजना का पहला चरण 25 हेक्टेयर में फैला है, जिसकी अनुमानित लागत ₹230 करोड़ है और इसे 2025 की तीसरी तिमाही तक पूरा कर लिया जाएगा। पूरे पार्क के निर्माण पर कुल ₹619 करोड़ का खर्च आएगा, जिससे यह कांगड़ा और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन का एक नया केंद्र बन जाएगा।
सुक्खू ने बताया कि सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) ने पार्क में वन वैभव पथ और जैव विविधता न्यायालय के अंतर्गत 34 बाड़ों की मंजूरी दी है, जिनमें 73 प्रजातियों के जीवों को रखा जाएगा। इनमें एशियाई शेर, हॉग डियर, मगरमच्छ, घड़ियाल, मॉनिटर लिज़ार्ड और विभिन्न पक्षी शामिल हैं।
Durgesh Aranya Zoological Park
पार्क की अन्य प्रमुख विशेषताओं में शामिल है:
- नॉक्टर्नल हाउस, जहाँ दुर्लभ रात्रिचर बिल्ली प्रजातियों की झलक मिलेगी
- वेटलैंड एवियरी, जिसमें स्थानीय पक्षियों को प्राकृतिक परिवेश में देखने का अवसर मिलेगा
यह भी पढ़े: How to Reach Bandhavgarh Tiger Reserve: सफारी टाइम ,स्थान जोन ,वन्यजीव,सम्पूर्ण जानकारी
स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार, अर्थव्यवस्था को नई ताकत
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस पार्क से पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। यह परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
कांगड़ा बनेगा इको-टूरिज्म की राजधानी
दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान न केवल प्राकृतिक सौंदर्य, आधुनिकता और पारिस्थितिक सजगता का संगम होगा, बल्कि यह कांगड़ा को हिमाचल की “पर्यटन राजधानी” के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक निर्णायक कदम है। यह परियोजना राज्य सरकार की इको-टूरिज्म और सतत विकास की सोच को मजबूत आधार प्रदान करती है।
यह भी पढ़े: Velavadar: Home of the Blackbucks | Travel Guide with Resorts, Safari, and Hotels
Conclusion
दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान न केवल हिमाचल में सतत पर्यटन का प्रतीक बनेगा, बल्कि यह भारत का पहला IGBC प्रमाणित चिड़ियाघर बनकर पर्यावरणीय संतुलन और रोजगार सृजन का नया द्वार खोलेगा। यह परियोजना कांगड़ा को इको-टूरिज्म की राजधानी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक क