उत्तर प्रदेश के ह्रदय स्थल में स्थित हस्तिनापुर वन्य जीवन अभयारण्य Hastinapur Wild Life Sanctuary भारत के महत्वपूर्ण अभयारण्यों में से एक है। यह अभयारण्य न केवल वन्यजीवों की विविध प्रजातियों का घर है, बल्कि यह गंगा और उसकी सहायक नदियों की घाटियों में फैले जैविक तंत्र (Ecosystem) का भी उत्कृष्ट उदाहरण है।
स्थापना और भौगोलिक स्थिति
स्थापना वर्ष: 1986
क्षेत्रफल: लगभग 2,073 वर्ग किलोमीटर
स्थान: मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और अमरोहा ज़िलों में फैला
नदी तंत्र: गंगा, सोलानी, रावली और कई अन्य नदियाँ
हस्तिनापुर अभयारण्य का नाम महाभारत काल के पौराणिक नगर ‘हस्तिनापुर’ से लिया गया है, जो इस क्षेत्र में स्थित है।

Hastinapur Wild Life Sanctuary जैव विविधता
स्तनधारी प्रजातियाँ:
- नीलगाय
- चीतल (Spotted Deer)
- सांभर
- तेंदुआ (Leopard)
- जंगली सूअर
- लोमड़ी
पक्षी प्रजातियाँ:
यह अभयारण्य 300 से अधिक पक्षी प्रजातियों का निवास स्थान है, जिनमें शामिल हैं:
- सारस क्रेन
- painted stork
- openbill stork
- peafowl
- kingfishers
- migratory ducks
सरीसृप (Reptiles) और उभयचर (Amphibians):
- इंडियन मॉनिटर लिज़र्ड
- कोबरा
- अजगर
- कछुए और मेंढक की विभिन्न प्रजातियाँ
पर्यावरणीय महत्त्व
हस्तिनापुर अभयारण्य:
- गंगा नदी के बाढ़ मैदानों की प्राकृतिक पारिस्थितिकी को संरक्षित करता है।
- अनेक विलुप्तप्राय प्रजातियों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करता है।
- माइग्रेटरी बर्ड्स (आव्रजक पक्षी) के लिए सर्दियों में विश्राम स्थल का कार्य करता है।
पर्यटक आकर्षण
पर्यटकों के लिए यह अभयारण्य:
- बर्ड वॉचिंग, फोटोग्राफी, और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों का बेहतरीन केंद्र है।
- शांत वातावरण और हरियाली के बीच प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है।
पहुँच और यात्रा का समय
निकटतम रेलवे स्टेशन: मेरठ, गाजियाबाद
निकटतम हवाई अड्डा: इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली
उत्तम यात्रा समय: नवंबर से मार्च (सर्दियों में पक्षी अवलोकन के लिए उपयुक्त)
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संरक्षण चुनौतियाँ
- अवैध शिकार और लकड़ी की कटाई
- मानव-वन्यजीव संघर्ष
- जैव विविधता पर शहरीकरण का दबाव
सरकार और वन विभाग द्वारा संरक्षण जागरूकता अभियान, गश्ती दलों की तैनाती, और स्थानीय समुदाय की भागीदारी से इन चुनौतियों का समाधान किया जा रहा है।
निष्कर्ष
हस्तिनापुर वन्य जीवन अभयारण्य न केवल उत्तर प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सतत पर्यावरण का संदेश भी देता है। यह अभयारण्य उन सभी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है जो प्रकृति से जुड़ना चाहते हैं और जैव विविधता की रक्षा में भागीदार बनना चाहते हैं।