नाइट सफारी का नया केंद्र: उत्तर प्रदेश
Night safari Park Lucknow:भारत जल्द ही अपनी पहली आधिकारिक नाइट सफारी के उद्घाटन के लिए तैयार है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ से केवल 9 किलोमीटर दूर कुकरैल क्षेत्र में विकसित की जा रही है। यह परियोजना सिंगापुर के प्रसिद्ध मंडई नाइट सफारी से प्रेरित है और इसकी लागत ₹1,500 करोड़ आँकी गई है।
Night safari Park Lucknow परियोजना की खासियतें

इस नाइट सफारी और एडवेंचर पार्क में 38 प्रकार के जानवरों के बाड़े, एक 7D थिएटर, आर्ट गैलरी, मनोरंजन गतिविधि क्षेत्र और एक भव्य प्रवेश द्वार शामिल होंगे। यह पहल भारत के इको-टूरिज्म को नई दिशा देने के साथ-साथ पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करेगी। 2019 से 2027 तक भारतीय इकोटूरिज्म उद्योग के 15.7% वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की संभावना है, जिसका संभावित बाजार मूल्य $4.55 बिलियन तक पहुँच सकता है।
वर्तमान में नाइट सफारी का अनुभव कहाँ लें?

जब तक कुकरैल नाइट सफारी पूरी तरह से खुलती है, तब तक रोमांचप्रेमी भारत के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों में “नाइट सफारी” का आनंद ले सकते हैं। विशेष रूप से बफर जोन में, जहां सूर्यास्त के बाद की सफारी अनुमति प्राप्त है।
रात का जंगल: एक रहस्यमयी दुनिया
रात में जंगल का माहौल पूरी तरह बदल जाता है — अनोखी आवाज़ें, मिट्टी की गंध और अंधेरे का रोमांच एक नई दुनिया की अनुभूति कराते हैं। ऐसे में भेड़िए, साही, तेंदुए, सिवेट और अन्य निशाचर जीवों को देखने का दुर्लभ मौका मिलता है।
प्रमुख स्थल जहाँ नाइट सफारी उपलब्ध है
मध्य प्रदेश:
- पेंच नेशनल पार्क: भेड़ियों, सियारों और तेंदुओं के लिए प्रसिद्ध
- कान्हा नेशनल पार्क: सियार, लोमड़ी, जंगली बिल्लियाँ
- सतपुड़ा नेशनल पार्क: सुस्त भालू, तेंदुए
- बांधवगढ़ और पन्ना नेशनल पार्क: रोमांचक नाइट सफारी अनुभव
राजस्थान:
- झालाना तेंदुआ सफारी, जयपुर: रात में तेंदुए देखने का मौका
- जवाई: रात्रिकालीन तेंदुआ दर्शन
उत्तराखंड:
- जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान: सीताबनी बफर क्षेत्र में नाइट टूर
कर्नाटक:
- दांडेली वन्यजीव अभयारण्य: काले पैंथर और उड़ने वाली गिलहरियाँ
- बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान, बेंगलोर: कंट्रोल्ड नाइट सफारी
केरल:
- चिन्नार अभयारण्य: भारतीय स्टार कछुए देखने का अवसर
पश्चिम बंगाल:
- सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान: मैंग्रोव में नाव से नाइट सफारी
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नाइट सफारी के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- परमिट और पहचान पत्र: वैध सफारी परमिट और सरकार द्वारा जारी फोटो आईडी साथ रखें।
- प्रशिक्षित गाइड: केवल अधिकृत और प्रशिक्षित गाइड के साथ सफारी करें।
- वाहन से बाहर न निकलें: जब तक गाइड द्वारा निर्देशित न किया जाए, वाहन में ही रहें।
- शांति बनाए रखें: तेज़ आवाज़ और फ्लैश फोटोग्राफी से बचें।
- जानवरों से दूरी रखें: उन्हें न छुएं, न खिलाएं और न परेशान करें।
- प्लास्टिक और कचरा न छोड़ें: सारा कचरा साथ लें, प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध है।
- प्रतिबंधित वस्तुएँ न ले जाएँ: जैसे शराब, तंबाकू, हथियार आदि।
- उचित परिधान पहनें: गहरे रंग के आरामदायक कपड़े पहनें, चमकीले रंगों से बचें।
- मोबाइल का सीमित उपयोग: फ्लाइट मोड में रखें और केवल फोटो/वीडियो के लिए इस्तेमाल करें।
- निर्धारित मार्गों पर रहें: केवल चिन्हित सफारी रूट पर ही जाएँ।
- हेडलाइट का सही उपयोग: लाल-फिल्टर वाली लाइट से व्यवधान कम करें।
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निष्कर्ष
भारत में नाइट सफारी की अवधारणा अब केवल एक कल्पना नहीं रही, बल्कि उत्तर प्रदेश के कुकरैल में इसका भव्य रूप आकार ले रहा है। यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि लोगों को वन्यजीवों के जीवन को करीब से समझने और सराहने का एक अनूठा अवसर भी देगी। जब तक यह सफारी पूरी तरह से शुरू नहीं होती, तब तक पर्यटक देश के विभिन्न अभयारण्यों और पार्कों में रात के रोमांच का अनुभव कर सकते हैं। उचित दिशा-निर्देशों और संवेदनशीलता के साथ यह अनुभव न केवल रोमांचक होता है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक सार्थक कदम भी है।